बच्चों की Kidnapping एक भयानक सच !
अपने जिगर के टुकड़े , अपने बच्चे की kidnapping का ख्याल भर मन आने से रूह काँप जाती है। किसी भी माता – पिता की जान उनके बच्चों में बसती है और इसी बात का फायेदा उठाने को आपराधिक प्रवत्ति के खतरनाक लोग घात लगाए बैठे रहते हैं। बच्चों की kidnapping की वारदातें दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। अगर आँकड़ों की बात की जाये तो साल 2005 से 2011 के बीच भारत में लगभग 101 हज़ार केस दर्ज किये गए हैं। यह आँकड़े झकझोर देने वाले हैं और हर वर्ष बढ़ते ही जा रहे हैं। आप यह मत सोचियेगा की child kidnapping की समस्या केवल भारत में ही है। यह घातक अपराध पूरी दुनियाँ में पैर पसार रहा है। यहाँ तक की कनाडा, कैलिफ़ोर्निया,बेल्जियम , पाकिस्तान, कुवैत जैसे देश भी इसकी चपेट में हैं।
दोस्तों आँकड़े दिखा कर हमारा मकसद आपको डराने का बिलकुल भी नहीं है बल्कि हम तो चाहते हैं की सभी parents जागरूक और सतर्क बनें। आप अपने बच्चों को ऐसे किसी भी अकल्पनीय खतरे के लिए समय रहते सावधान कर सकें।
Kidnapping से बचने के लिए ज़रूर बताए
बहुत छोटा बच्चा हो सकता है kidnapping जैसा मुश्किल शब्द ना समझ पाए पर 6 साल का बच्चा इतना समझदार हो जाता है की वह अपनों और परायों में फर्क समझने लगे। अपहरण की अधिकतर वारदातें 6 साल के आसपास के बच्चों के साथ ही घटती हैं। बेहतर होगा जब आपके बच्चे ने school जाना शुरू किया हो तभी आप उसे प्यार और समझदारी से kidnapping जैसे जानलेवा खतरे से परिचित करवा दें। खतरा कभी बोल कर नहीं आता फिर भी ऐसे भयानक खतरे से निपटने के लिए आप कुछ बातों का ख्याल रखते हुए अपने बच्चे को red flags alert तो कर ही सकते हैं। जैसे –
- बच्चे को समझाएं की माँ – बाप से बढ़कर और कोई safe इंसान नहीं होता।
- कभी भी किसी अनजान से टॉफी–चॉक्लेट,खिलौने भूलकर भी न ले।
- किसी को भी अपने परिवार से जुड़ी आर्थिक (financial) जानकारी ना दे मसलन अपने घर की महंगी चीज़ें, vacations आदि की information.
- School में कभी भी सुनसान कमरे /जगह में ना जाये, अकेले तो बिलकुल नहीं।
- School bus में driver, conductor का चेहरा और नाम विशेष रूप से पहचान सके।
- Mummy- Papa को बताए बिना किसी भी friend के मम्मी – पापा के साथ किसी भी लालच में उनके घर जाने को तैयार ना हो।
- बहुत–बहुत ज़रूरी अपने रिश्तेदारों या building, colony / मोहल्ले के परिचितों के असामान्य व्यवहार से बच कर रहे।
Kidnap हो जाने पर बच्चा अपनी सुरक्षा कैसे करे
ईश्वर न करे पर यदि आपका बच्चा किडनैप हो ही गया है तो वह डरने के बजाय हिम्मत से मुसीबत का सामना कैसे करे आइये जानते हैं –
- बच्चे की चीख–पुकार उसका सबसे बड़ा हथियार
बच्चे को बताएं की यदि किसी ने उसे पकड़ लिया है तो सबसे पहला काम वह पूरा दम लगा कर मदद के लिए ज़ोर–ज़ोर से चिल्लाये। जैसे – Police! बचाओ ! help! मुझे पकड़ लिया है !
- मुंह , हाथ–पैर बंधे होने पर भी कान खुले रखे
अपहरणकर्ता सबसे पहले बच्चे का मुंह दबाकर ही दबोचते हैं। डरा हुआ बच्चा यही सोचेगा की मैं चिल्लाऊँ कैसे। बच्चे को समझा कर रखे की ऐसी situation में वह अपने आस– पास के लोगों की बातचीत, traffic, रास्ते, ठन्डे –गरम वातावरण को महसूस करे ताकि मौका मिलते ही वह उस जानकारी को map की तरह इस्तेमाल करके भाग सके।
आपका होशियार बच्चा भागने में कामयाब हो गया है और kidnaper उसके पीछे पड़े हैं तो वह किसी भी हाल में भागकर भीड़ –भाड़ वाली जगह में जाकर ज़ोर–ज़ोर से चिल्लाकर लोगों को इक्कठा करे।
- परिचित अपहरणकर्ता को देख कर बच्चा सकते में ना आ जाए
यह दुखद है पर अपने परिचित मामा,चाचा,पड़ोसी, cousin भाई – बहन जैसे पहचान वाले लोगों को kidnapper के रूप में देख कर बच्चे के पैरों तले ज़मीन खिसक सकती है। वह रोयेगा और कमज़ोर पड़ सकता है। इस अनहोनी से बचने के लिए बच्चे को पहले से तैयार रखे की दुनिया में ऐसे धोखेबाज़ लोग भी होते हैं। बच्चे को निडर होकर बस किसी तरह भागने के मौके तलाश करने की सीख दें।
- छोटी – मोटी चोट से ना डरे
हर बच्चा अपने मम्मी–पापा के बीच बड़े नाज़ों से पला होता है तो मुमकिन है वह ज़रा सी चोट या खून को देख कर काँप जाए। बच्चे को समझाएं की विकट परिस्तिथि में यह normal है और जान बचाने के सामने चोट का दर्द कुछ भी नहीं होता।
- Phone हाथ लग जाए तो सबसे पहले किसे फ़ोन करे
बच्चे के हाथ phone लग जाए तो पहला call केवल mummy-papa को करना है। इन्हे फ़ोन न लगे तो Police helpline number 112 या 100 dial करे। बच्चे को पता होना चाहिए की इस नंबर पर help और अपना नाम भर बता देने से Police phone location track करके उस तक पहुँच सकती है।
सौ बात की एक बात
माँ के ममता भरे आँचल में रहने वाला बच्चा ऐसी बातें सुनकर संभव है अपने आस –पास के लोगों से थोड़ा डर जाये पर parents का फ़र्ज़ है की वह अपने बच्चे को बाहरी दुनिया में रहने वाले अच्छे – बुरे दोनों प्रकार के लोगों की मानसिकता से परिचित करवाएं ताकि बच्चा अकेले भी किसी भी मुसीबत का सामना निडरता से डटकर कर सके। आज की सौ बात की एक बात यही है की ‘ खुद जागरूक और सतर्क बनें और अपने बच्चे को मज़बूत बनाएं मजबूर नहीं ’।
Happy Parenting!