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बच्चों के
लिए रामबाण उत्साहवर्धक शब्द

 

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           ‘ सराहना एक ऐसा भाव है जो दुर्बल को सबल , हार को जीत में बदलने की शक्ति रखता है। बच्चे हों या बड़े हर किसी को जीवन के हर मोड़ पर किसी न किसी प्रेरणा शक्ति की आवश्यकता पड़ती ही पड़ती है। बल्कि बच्चों को तो बड़ों की अपेक्षा अधिक motivation की आवश्यकता होती है। बच्चे के साल भर के होते ही माँ बाप द्वारा दिया गया प्रोत्साहन ही उसे चलने फिरने , दौड़ने भागने , बोलने , खाने पीने में मदद करता है। सभी Parents निश्चित रूप से अपने बच्चे मोटीवेट करने के तरीके ढूंढ ही लेते हैं पर कभी कभी सही समय पर सही शब्दों का चयन परिस्थितियों में चमत्कारी परिवर्तन ला सकते हैं। माँ के आँचल के आज के लेख में हम कुछ चुनिंदा शब्दों पर चर्चा करेंगे जिनका इस्तेमाल हर माता पिता को अपने बच्चे का उत्साह बढ़ाने के लिए निःसंकोच करना चाहिए।

विस्तारपूर्वक चर्चा से पहले उन चुनिंदा शब्दों पर मोटे तौर पर नज़र डालिए।

1. प्रेम (LOVE)

2. सम्मान (RESPECT)

3. सहानुभूति (SYMPATHY)

4. विश्वासपात्र (CONFIDANT)

5. हिम्मत (COURAGE)

6. आशावादी (OPTIMISTIC)

7. संतोष (SATISFACTION)

8. हँस मुख (CHEERFUL)

9. आत्मविश्वास (SELF-CONFIDENCE)

10. समय – प्रबंधन (TIME- MANAGEMENT)

ऊपर गिनाये गए कुछ ऐसे Magical Words हैं जिनका अर्थ और महत्व हर parent को अपने बच्चे से अवश्य share करना चाहिए। आइये इन शब्दों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

  1. LOVE प्रेम

प्रेम या प्यार हर रिश्ते की नींव होता है। माँ बाप और बच्चे तो एक दूसरे से निःस्वार्थ भाव से प्रेम करते हैं पर parents का कर्तव्य है कि वह बच्चे को प्रेम के दूसरे रूपों से भी परिचित कराएं। बच्चे को बाहरी दुनिया में प्यार का महत्व समझाएं। Teachers , दोस्तों ,आगे चलकर सहकर्मियों के साथ प्रेम भाव रखने का क्या role है। साथ ही बच्चे को दिखावटी प्रेम के नाम पर गलत संगत से सतर्क रहना भी सिखाएं। यही नहीं बच्चे को प्रकृति , पशु पक्षियों से भी प्यार करना सिखाएं।

  1. RESPECT सम्मान

बच्चे को सम्मान का अर्थ समझने से पहले उस से एक सवाल पूछिए क्या सिर्फ प्रेम से relations अच्छे और सच्चे रह सकते हैं ? प्रेम शब्द की गहराई समझने के बाद बच्चे का जवाब हाँ होना मुमकिन है। यहीं पर आपको उसे सम्मान शब्द की अहमियत को समझाना है। किसी भी रिश्ते में भले ही प्यार कूट कूट के भरा हो पर यदि उसमें respect न हो तो रिश्तों में दरार आते देर नहीं लगती। बच्चे को समझाएं की उसे अपने से बड़ों का, शिक्षकों का हमेशा ही सम्मान करना चाहिए। दूसरों की Feelings को भी उतनी ही Respect देनी चाहिए जितना की आप खुद के लिए उम्मीद करते हैं। उसे समझाएं की प्रेम और सम्मान एक दूसरे के पूरक हैं। सरल भाषा में जैसे आँख और कान, हाथ और पैर एकदूसरे के Supporter हैं।

  1. SYMPATHY सहानुभूति

सहानुभूति वह Feeling है जो इंसान को इंसान बनाती है। बच्चों को बचपन से ही सहानुभूति का पाठ पढ़ाया जाना बहुत ज़रूरी है। किसी के सुख दुःख में आपके Sympathy भरे प्यारे बोल अगले की हिम्मत बढ़ा सकते हैं। किसी टूटे हुए इंसान को उम्मीद की नई किरण दे सकते हैं। इंसानों के साथसाथ आप बच्चे को पशुपक्षियों के प्रति भी सहानुभूति का महत्व समझायें। कई बार उदण्ड बच्चे केवल मस्तीमज़ाक में जानवरों को नुकसान पहुँचाते हैं जो की सरासर गलत है। आप अपने बच्चे को वैसी संगत से बचा सकते हैं।

  1. CONFIDANT विश्वासपात्र

यदि प्रेम हर रिश्ते की नींव है तो विश्वास Cement की तरह है जो रिश्तों की पकड़ को मज़बूती से जोड़े रखता है। देखा गया है कि विश्वास के अभाव में बने बनाये रिश्ते टूट के बिखर जाते हैं। हँसते खेलते दोस्त अविश्वास के कारण दोस्ती खो बैठते हैं। अपने बच्चों को बताइये कि यदि कोई भी व्यक्ति आप पर विश्वास करके अपना कोई Secret आपसे Share करता है तो यह बच्चे का कर्तव्य है की उस secret को किसी भी परिस्थिति में किसी अन्य को न बताए।ऐसा करना आदर्श दोस्त की पहचान है। बच्चे को यह भी मालूम होना चाहिए की वह भी किसी को अपना हमराज़ बनाने से पहले उस व्यक्ति की समझदारी की जांच परख करना सीखे। कलयुग में विश्वासपात्र लोगों का मिलना पहले से काफी मुश्किल है।

  1. COURAGE हिम्मत

जब तक छोटे बच्चे माँ बाप की देख रेख की छाँव तले होते हैं तो वह पूरी दुनिया से सुरक्षित होते हैं पर कोई भी बच्चा एक निश्चित समय तक ही Mummy-Papa की छत्रछाया में रह सकता है। एक समय के बाद उसे school-collage, office और भी न जाने कितनी ही जगहों पर अकेले ही जाना होगा। इसलिए parents को चाहिए की वह बचपन से ही अपने बच्चे को हिम्मत की परिभाषा से रूबरू करवा दें। अक्सर माँ बाप लाड प्यार में या फिर डर से अपने बच्चे को छोटी सी मुश्किल से भी खुद बचा लेते हैं पर हर बार ऐसा करने से बच्चे के अंदर मुसीबत से लड़ने की हिम्मत विकसित नहीं हो पाती और वह कोई भी परेशानी आने पर जल्दी ही घबरा जाता है। उसमे Decision making skills, develop नहीं हो पाती। Parents का कर्त्तव्य है की वह जीवन की धुपछाँव का सामना करने के लिए बच्चे के अंदर विश्वाश और हिम्मत जगाए। आप हर समय खुद बच्चे की Protection Shield बनने की कोशिश ना करें।

  1. OPTIMISTIC आशावादी

आशा और निराशा दोनों ही जीवन के आवश्यक भाव हैं। जीवन में सुखदुःख का आना जाना लगा रहता है। समय हमेशा एक सा नहीं रहता। वह कहते हैं न जब अच्छा समय नहीं रहा तो बुरा समय भी ज्यादा दिन नहीं रहेगा ‘. Parents को चाहिए की वह अपने बच्चे को आशावादी होना सिखाएं। Exam में कम Marks मिलें हों या Sports में ख़राब Performance, बच्चे को हिम्मत हार के उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए बल्कि, अधिक मेहनत और ऊर्जा के साथ कार्य में सफलता के लिए प्रेरित होना सिखाएं। आशावादी (Optimistic) सोच जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका (role) निभाती है।

  1. SATISFACTION संतोष

हिंदी में बड़ा ही प्रचलित One Liner है जितनी चादर हो उतना ही पैर फैलाना चाहिए । इस एक line में ही संतोष शब्द का सारा सार निहित है। बच्चे माँ बाप के सामने खिलौनों,Gadgets,कपड़ों,Bike आदि की ज़िद करते हैं। माँ बाप अपनी ओर से भरसक कोशिश करते हुए उनकी इच्छाओं को पूरा करते जाते हैं। कुछ parents अपनी पहूँच से परे जाकर बच्चों की मांगों को पूरा करते जाते हैं जो की सरासर गलत है। आपको एक limit के बाद बच्चों को संतोषी होना सिखाना ही पड़ेगा। ऐसा ना करने पर उनकी इच्छाओं का कभी अंत नहीं होगा। बच्चे तो बच्चे होते हैं , उनकी समझ चीज़ों को पाने की ख़ुशी तक ही सीमित होती है बशर्ते आप उन्हें पैसों की एहमियत , इच्छा और ज़रूरत का फर्क नहीं समझायेंगे। आप ही को उन्हें समझाना होगा की दुनियां में हर चीज़ हर किसी को नहीं मिल सकती। किसी और को देख कर अपनी ज़रूरतों को बढ़ाते जाना गलत है। जितना Afford कर सके उतना ही खरीदें, उसी में असली ख़ुशी है। अधिक और अच्छा पाने के लिए मेहनत की एकमात्र उपाए है। असंतोष मन में जलन की भावना पैदा करता है जो स्वयं को ही नुकसान पहूँचता है।

  1. JOLLY हँसमुख

अभिभावक बच्चे को हँसमुख रहना सिखाएं। हँसमुख मानसिकता दुखों से लड़ने की ताकत देती है। दुनियां में हर व्यक्ति के पास अनेकों दुःख है , ऐसे में यदि आप हर समय अपना रोना ही रोते रहेंगे तो लोग धीरे धीरे आपसे दूरी बनाना पसंद करने लग जायेंगे। बच्चों को बताएं की हँसमुख चेहरा लोगों को आपकी ओर आकर्षित करता है और खुद में Confidence Build करने का बड़ा ही अच्छा hack है। खिला हुआ फूल सबको अपनी ओर आकर्षित करता है ना की मुरझाया हुआ। पर इसका मतलब यह नहीं है की बच्चा अपनी परेशानियाँ, दुःखदर्द कभी किसी से share ही न करे। बच्चे को यह भी समझाएं कि कभीकभी मन हल्का करने के लिए किसी अपने / विश्वाशपात्र (Reliable) के सामने रोने में भी कोई बुराई नहीं है।

  1. SELF CONFIDENCE आत्मविश्वाश

दूसरों का विश्वाशपात्र होना बहुत अच्छी बात है पर उस से भी अधिक important है खुद पर आत्मविश्वाश होना। Self–confidence बड़े से बड़ी मुसीबत से लड़ने में आपको चट्टान के समान मज़बूत बनाता है। जीवन के कई मोड़ पर आप खुद को अकेला पायेंगे। उस समय व्यक्ति का आत्मविश्वाश , खुद पर यकीन ही अकेले होकर भी कभी आपको अकेला नहीं होने देगा। अपने बच्चे का खुद पर यकीन बढ़ाने के लिए शुरुआत से ही घर के Safe मॉहौल में कुछ कठिन Situations create करके बच्चे को हिम्मत से लड़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। आप उसे उसी के बचपन की बातें याद दिला कर motivate कर सकते हैं की कैसे उसने आत्मविश्वाश के साथ चलना, दौड़ना, कूदना, बोलना, पढ़ना लिखना सीखा। अपने बच्चे को Self-confidence और Over-confidence का फर्क समझाना भी कतई ना भूलें।

  1. TIME MANAGEMENT समय प्रबंधन

यह शब्द हिंदी में थोड़ा जटिल लग सकता है इसलिए हम बोलचाल की भाषा में अधिक प्रयोग होने वाले शब्द time – management पर focus करेंगे। आज की भागतीदौड़ती दुनिया में time manage करना बहुत ज़रूरी हो चला है। वह कहते हैं ना वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता । पहले बच्चे केवल school जाया करते थे और घर आकर थोड़ा खेलकूद करके, homework करके , खाना खाकर सो जाया करते थे। बदलते समय के साथ student life का routine बिलकुल बदल चुका है। आज बच्चे school जाते हैं , कइयों को tuition जाना होता है , कई extra – curricular activities join करते हैं। अब तो पहले की अपेक्षा exam pattern भी पूरी तरह बदल चुका है। दिन के चौबीस घंटे ही सबके पास हैं। Parents को अपने बच्चे को यह समझाना चाहिए की यदि उसने time management करना नहीं सीखा तो वह सभी activities के लिए time नहीं निकाल सकेगा जिसके परिणामस्वरूप वह दुनिया से पिछड़ भी सकता है। बात थोड़ी साहित्यिक लगती है पर यही जीवन की सच्चाई है। Time -Management, Life में Discipline लाता है।

सौ बात की एक बात

आज का article बहुत लम्बा हो गया पर यह ज़रूरी भी था क्युंकि हमने बच्चों के लिए जिन उत्साहवर्धक शब्दों पर चर्चा की है उन्हें सिमट के समझाना मुमकिन नहीं था। यकीन जानिए यहाँ बताया गया हर शब्द Student Life के लिए एक संजीवनी के समान है। वैसे तो अनुभव जीवन में सब कुछ सिखा देता है पर क्या यह अच्छा नहीं होगा की हम दूसरों की गलतियों से सीख लेकर वैसी गलती करने से खुद को बचा लें। सौ बात की एक बात यही है कि यदि आप अपने बीज रुपी बच्चे को उचित संस्कारों से पोषित करेंगे तभी तो वह बड़ा होकर लहलहाता हुआ फलदायी वृक्ष बनेगा।

आशा है माँ का आँचल के इस लेख में बताये गए उत्साहवर्धक शब्दों को माता पिता अपने बच्चों के जीवन में उतार कर उन्हें Motivate अवश्य करेंगे।

Happy Parenting!

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