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विद्यार्थियों के लिए स्वामी विवेकानंद जी के अनमोल वचन

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       विश्व में एक से बढ़ कर एक महान और तेजस्वी विचारकों ने ज्ञान के बलबूते पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। सभी ने अपने अनमोल वचनों के ज़रिये प्रेम, विश्वाश, मनोबल, सत्य का, जग को रास्ता दिखाया है। माँ के आँचल को कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि हमारे आज के लेख में हम जिस भारतीय सशक्त विचारक की चर्चा करेंगे उन्होंने अपने छोटे से जीवन काल में ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में प्रेरणा की ऐसी ज्योत जलाई जो आज तक प्रज्वल्लित है। हम बात कर रहे हैं महान स्वामी विवेकानंद जी की। आपके बचपन का नाम ‘नरेन’ या ‘नरेन्द्रनाथ दत्ता’ था। आपका जन्म आज के कोलकाता और तब के कलकत्ता शहर में हुआ था। स्वामी जी श्री रामकृष्ण परमहंस जी को अपना गुरु मानते थे। प्रत्येक वर्ष 12th January को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती को National Youth Day के रूप में मनाया जाता है। आज की युवा पीढ़ी अपनी ही उधेड़बुन में लगी रहती है। दुनिया भर की सांसारिक चीज़ों के बीच रहते हुए जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्य को पाना उसके लिए कठिन होता जा रहा है।

हम जानते हैं कि हर माँ बाप अपने बच्चे को अच्छे से अच्छे संस्कार देते हैं पर यदि वह अपनी परवरिश में स्वामी विवेकानंद जी के अनमोल विचारों को शामिल करेंगे तो निश्चित रूप से बच्चा न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से साहसी और संस्कारवान बनेगा। अगर वह स्वामी विवेकानंद जी के दार्शनिक विचारों से कुछ सीख ले सके तो उसके विद्यार्थी जीवन को उचित और सकारात्मक दिशा मिल सकेगी। बच्चा ऊर्जा से अपनी पढ़ाई में ध्यान लगा सकेगा और गलत रास्ते पर भटकने से खुद को बचा सकेगा। माँ का आँचल स्वामी विवेकानंद जी के ज्ञानवर्धक विचारों की माला में से कुछ मोती चुन कर लाये हैं जो बच्चे के जीवन के हर पड़ाव पर मार्गदर्शक (Mentor) का role अदा करेगा।

  1. ज्ञान का प्रकाश सभी अंधेरों को ख़त्म कर देता है।
  2. मेहनत से जीवन को हर मुश्किल से बाहर निकला जा सकता है।
  3. जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।
  4. अनुभव ही आपका सर्वोत्तम शिक्षक है। जब तक जीवन है सीखते रहो।
  5. उठो , जागो और जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए तब तक मत रुको।
  6. सच को कहने के हज़ारों तरीके हो सकते हैं पर फिर भी सच तो वही रहता है।
  7. एक समय में एक काम करो ,और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब भूल जाओ।
  8. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते ,तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
  9. युवा वही होता है जिसके हाथों में शक्ति ,पैरों में गति ,हृदय में ऊर्जा और आँखों में सपने होते हैं।
  10. किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या ना आए , आप सुनिश्चित हो सकते हैं की आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
  11. जीवन का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता , इसे स्वयं को बनाना पड़ता है। जिसने जैसा मार्ग बनाया ,उसे वैसी ही मंज़िल मिलती है।
  12. तुम फुटबॉल के ज़रिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होंगे बजाए गीता का अध्ययन करने के।

सौ बात की एक बात

विद्यार्थी जीवन परोक्षअपरोक्ष रूप से सदैव चलता रहता है। किताबी ज्ञान किसी भी बच्चे को अच्छे marks दिला सकते हैं परन्तु यदि संपूर्ण व्यक्तित्व को सँवारना है तो उसे जीवन के उतारचढ़ाव को धैर्य , बुद्धिमता और ऊर्जा के साथ सामना करना होगा। Parents अपने बच्चे को सीमित और संकुचित ज्ञान देने के बजाए खुले आसमान में उड़ने के लिए छोड़ दे मतलब ज्ञान प्राप्ति जहाँ से मिले वहां से लें और दें। सौ बात की एक बात यही है कि सभी माता पिता स्वामी विवेकानंद जी के अनमोल विचारों के माध्यम से अपने बच्चों का मनोबल बढ़ाना चाहिए। हमारी आशा है की यह लेख डूबते को तिनका रुपी सहारा अवश्य देगा।

Happy Parenting!

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