खिलौने जो बनाएं बच्चे को Smart and Intelligent
खिलौना देखते ही बच्चे के चेहरे पर जो ख़ुशी झलकती है उसका मुक़ाबला बच्चे के जीवन में शायद ही किसी और चीज़ से हो सकता है। उम्र कोई भी हो पर उसकी life में कोई न कोई खिलौना अमिट छाप छोड़ ही जाता है। मुझे आज भी याद है हमारे बचपन में लोहे की एक नाव एक खिलौना हुआ करता था जो माचिस की एक तीली भर से पीछे आग लगाने से प्लेट में रखे पानी में गोल –गोल घूमा करती थी। गुज़रे ज़माने में किसी भी छोटी बच्ची के पास original Barbie doll होना बहुत बड़ी बात माना जाता था। Barbie हर किसी के budget में fit नहीं बैठती थी। सही खिलौना बच्चे के मन – मष्तिस्क को relaxation देने के साथ–साथ positive या negative दिशा देने में भी अहम role अदा करता है।
बीते दिनों में जहाँ बच्चों के पास केवल गुड्डे –गुड़ियाँ , मिटटी के बर्तन , लट्टू , गेंद जैसी चीज़ें हुआ करती थी वहीं आज बच्चों के पास मानों खिलौनों की पूरी दुनियाँ मौजूद है। विकल्पों की कोई कमी नहीं रह गयी है। एक मांगों तो दुकानदार आपके बच्चे के सामने दस लुभावने option रख देता है। Online – offline platforms पर खिलौनों का अम्बार लगा हुआ है। पर क्या आपने कभी यह सोचा है की कोई भी खिलौना केवल एक खिलौना भर नहीं है। हर खिलौने के साथ आपके नन्हे से बच्चे का व्यक्तित्व बन या बिगड़ सकता है। बात थोड़ी सैद्धांतिक है पर ‘ सोलह आने सच है ‘ , इसलिए हम अपने इस लेख में कुछ उन विशेष खिलौनों की बात करेंगे जो आपके बच्चे को मनोरंजन से साथ –साथ mentally strong भी बनायेंगे । गर्मियों की छुट्टियों में जब बच्चे दिन भर घर पर होते हैं तब उनको T.V , mobile से दूर रखने के लिए parents इनमे से कुछ toys खरीद कर उन्हें productive way में बिजी रख सकते हैं। Suspense को ख़त्म करते हुए कुछ रोचक खिलौनों की list आपके सामने पेश है।
- Block toys (Legos) जोड़ेंगे उसकी कल्पना की हर एक कड़ी
हम अपने personal अनुभव के आधार पर block toys (Legos) को best में best toys की category में रखेंगे। यकीन जानिए यदि आपका बच्चा / बच्ची शुरुआती बचपन यानी 2-3 साल की उम्र से ही blocks से खेलना शुरू कर देता है और उसका दिल इस खिलौने में लग गया तो पूरे chances हैं की वह और किसी और खिलौने की demand ही न करे। Blocks के साथ खेलने की कोई उम्र सीमा भी नहीं होती। एक– एक block को संयमता के साथ जोड़कर अनगिनत model बनाये जा सकते हैं। यह पूर्ण रूप से दिमाग और creativity का खेल है। Blocks के साथ खेलते हुए घंटों कब बीत जाते हैं पता भी नहीं चलता। कोई भी model बनाने के लिए सही block का चुनाव करना decision – making , calculation, observation , problem – solving जैसी skills को निखारता है। Block toys इतने रोचक होते हैं की अधिकतर packs पर age limit,1 to 99 year लिखा होता है। यानी बच्चा, जवान, बूढ़े सब इसे मज़े लेकर साथ खेल सकते हैं।
- Clay से Play
दूसरा सबसे बढियाँ खिलौना clay हो सकता है। हमारे बचपन में mummy जब भी रोटी का आटा तैयार करती थी तो हम ज़िद करके आटे की छोटी सी गोली हमेशा माँगा करते थे। फिर उस आटे की नरम गोली से अपने मनपसंद के छोटे – मोटे बर्तन ,चिड़िया ,फल –सब्जियों के miniature model बनाकर सूखने के लिए रख दिया करते थे। कई बार भरी दुपहरी में घर के बाहर बड़े से आम या नीम के पेड़ के नीचे दोस्तों के साथ बैठ कर गीली मिट्टी से भी खिलौने बनाया करते थे। बात थोड़ी लम्बी खिंच गयी। कल से आज मे आते हैं तो हम कह सकते हैं की उस गीली मिट्टी या आटे की गोली की जगह ही clay ने ले ली है। Market में कई brands के रंग –बिरंगे wet clay मौजूद हैं जो बच्चों के खेलने के लिए पूरी तरह से safe है। बच्चा अपने नन्हे हाथों से clay को अपनी इच्छा अनुसार किसी भी रूप में ढाल सकता है। खुद के हाथों से बनाये model को देख कर बच्चा खुश तो होता ही है साथ ही उसमे creative confidence भी बढ़ता है। हो सकता है बच्चे का यही interest भविष्य में उसे एक बेहतरीन मूर्तिकार बनने में मदद करे। देश – दुनियां की दूरियां आज बहुत कम हो चुकी हैं जिस से sculpture artist को बड़े सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा है और यदि उनका अपना signature style हो तो अच्छी –खासी कमाई भी होती है। तो अगर आपका बच्चा clay से play करना पसंद करता है तो उसे रोके नहीं। क्या पता उसके career का झुकाव इस ओर हो जाये।
- Scrabble से बढ़ाए बच्चे का मानसिक बल
Scrabble अंग्रेजी भाषा का ऐसा word game है जो बच्चे क्या बड़ों के मानसिक बल को boost करने की क्षमता रखता है। Scrabble के बारे में बहुत से लोग जानते होंगे। जो नहीं जानते हैं उनके लिए हम संक्षेप में बता देते हैं Scrabble में English के सभी alphabets गोटियों के रूप में होते हैं और खिलाड़ियों को उन alphabets को board पर set करके words बनाने होते हैं। पश्चिमी देशों में तो लगभग हर घर में बड़ी ही शिद्दत से यह game खेला जाता है। भारत में भी Scrabble खेलने का प्रचलन बढ़ने लगा है। इस indoor game को नियमित रूप से खेलने पर बच्चे की English vocabulary दिन –प्रतिदिन निखरती जाती है। वह नए–नए शब्दों की spelling खेल –खेल में सीख जाता है। Scrabble खेलने की भी कोई उम्र सीमा नहीं होती है। आप बच्चों के साथ खुद भी खेलें और उसका प्रोत्साहन बढ़ाएं। Chess की तरह आजकल Scrabble competition भी होने लगे हैं।
- Dominos खिलाएं रोज़ रोज़
नहीं नहीं हम यहाँ खाने वाले Dominos की नहीं Dominos game बात कर रहे हैं। Dominos रंग –बिरंगी rectangular गोटियां होती हैं जिन्हे बड़ी ही सावधानी से एक के पीछे एक खड़ा करके मनचाहा pattern / image बनाया जाता है। यह खेल ‘ सावधानी हटी दुर्घटना घटी ’ की तर्ज पर काम करता है क्यूंकि एक गोटी गिरी तो सेकंड में पूरा का पूरा pattern धराशाही हो जाता है। खिलाडी गोटियों को set करने में मिनटों से घंटों लगाते हैं और pattern पूरा होने पर बस एक piece को हल्का सा धक्का देते हैं। यह खेल ‘Patience is the key’ सिद्धांत को बढ़ावा देता है। जब pieces गिरते हैं तो वह नज़ारा सेकण्ड्स का होता है पर बनाते वक़्त focus होना सबसे ज़रूरी है। इस खिलौने की सबसे बड़ी खूबी है की इसे खेलने से बच्चे में संयमता , सृजनता और focus को बढ़ावा मिलता है। मुमकिन है खेलते time एक piece के गिरने से pattern बिगड़ने पर बच्चा गुस्से में आ जाये। पर खेल –खेल में अपने image को पूरा करने की उसकी लगन गुस्से पर काबू करना भी सिखाती है।
- Piggy Bank
गुज़रे ज़माने के मिटटी के गुल्लक के रूप –स्वरुप में परिवर्तन होकर आज वह Piggy Bank बन गया है।Pig के जैसा दिखने वाला छोटा सा खिलौना बच्चों को जीवन में financial literacy देने में बड़ी मदद कर सकता है। आप अपने 4-5 साल के बच्चे को piggy bank देकर यह बता सकते हैं की यदि वह gift में मिलने वाले पैसे खिलौने में जमा करता है तो धीरे –धीरे उसके खुद के इतने पैसे जमा हो जायेंगे जिस से वह अपनी पसंद की कोई भी चीज़ खरीदने को mummy-papa को कह सकता है। खुद की मेहनत से इकठ्ठे किये पैसों का अलग ही मोल और ख़ुशी होती है। पैसे जमा करने की आदत से आप बच्चे को पैसों की एहमियत और money management सीखा सकते हैं।पर बच्चे को यह भी ज़रूर बताएं की पैसे जमा करने और खर्च करने में अनुशाशन भी बरतना पड़ेगा वरना उसका piggy bank खाली होते देर नहीं लगेगी। जो बच्चे बचपन से गुल्लक में पैसे जमा करते हैं और उसे समझदारी से खर्च करते हैं वह जवानी में फ़िज़ूलख़र्ची से दूर रहते हैं। यहाँ हम यह बिलकुल नहीं कह रहे की आप बच्चे के दिमाग में ‘ पैसा –पैसा ‘ डाल दीजिये पर हाँ उसे जीवन में पैसों के महत्व को समझना आवश्यक है। बच्चे को अपने इस खिलौने से प्यार हो जाये उसके लिए आप उसे market में मौजूद ढेरों designs में से कुछ हटकर खरीद कर दे सकते हैं।
सौ बात की एक बात
हो सकता है खिलौनों पर हमारी आज की चर्चा कुछ माता –पिता को interesting न लगे की यह खिलौने काफी boring हैं। सौ बात की एक बात यह है की बताये गए सभी खेल – खिलौने सामान्य मस्ती वाले खिलौनों से काफी अलग हैं और उनका मकसद भी हटकर है। आप दिल खोलकर अपने बच्चे के लिए मस्ती वाले खिलौने खरीदिये पर क्यों न एक – दो खिलौने ज्ञान बढ़ाने वाले भी खरीदें। बच्चे का इन learning toys में interest तभी जागेगा जब आप खुद उसके साथ बैठ कर खेलें और enjoy करेंगे। अपने बच्चे के बचपन को केवल पुराने चले आ रहे खिलौनों में बाँधने के बजाये नए ज़माने बेहतरीन विकल्प भी दें। ज़िम्मेदार parent के रूप में थोड़ी मशक्कत तो आपको भी करनी पड़ेगी। आशा है की ‘ माँ के आँचल ‘ के इस आर्टिकल में बताये गए खिलौनों में कोई न कोई खिलौना parents को ज़रूर पसंद आया होगा और यह आपके बच्चे को ‘ Smart and Intelligent ‘ बनाने में मदद अवश्य करेंगे।
Happy Parenting!