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Online या Offline Coaching के Confusion को कैसे दूर करें

” Change is the only law of Life, and Those who look only to the Past or Present are Certain to miss the Future ”.

                                                                                                                                                                                    John F Kennedy

Online या Offline Coaching के Confusion को कैसे दूर करें

बदलाव जीवन का नियम है और जो केवल बीते हुए कल और आज को देखते हैं वह निश्चित रूप से भविष्य को आंकने से चूक जाते हैं

यह शब्द अमेरिका के 35th राष्ट्रपति President के हैं जिनकी गिनती दुनिया के सबसे प्रभावकारी हस्तियों में होती है।

पाठक सोच रहे होंगे की इस कथन को हमारे इस लेख में बताने का क्या औचित्य है। इसकी प्रासंगिकता को समझने के लिए आपको थोड़ा पीछे जाना होगा। साल 2019 की यादें आज भी हर किसी को झकझोर देती होंगी क्यूंकि 2019 में ही CORONA ,COVID-19 ने पूरे विश्व में जीवन की गति को रोक कर रख दिया था। कई परिवारों ने अपनों को खोया तो कई परिवार ही ख़त्म हो गए। संपन्न परिवारों के पास सुरक्षित घर,सुखसुविधाएं थी। Technology का साथ था जिसके बूते पर लोग देशविदेश में रहते हुए भी अपनी नौकरियों को बचाने में कामयाब रहे।  इस घनघोर आपदा में अवसर बनकर उभरा Online Learning’. जब स्कूल कॉलेज के दरवाज़े बंद थे तब धीरेधीरे ही सही पर Technology ने शिक्षा जगत में ऐसा दरवाज़ा खोला जो की पूरी दुनिया के शिक्षण संस्थानों को पास लाने में कामयाब हुआ जिसने Online Teaching and Learning से Students and Teachers के लिए पढ़नेपढ़ाने का स्वरूप ही बदल कर रख दिया। भारत में लगभग हर प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान ने इस नई शिक्षण पद्धति को अपना लिया था या यूँ कहें कि ऐसा करना सबकी मजबूरी था। Zoom, Google Teams , WhatsApp लोगों की ज़िन्दगी में खानापानी की तरह ज़रूरी बन गए। Classes करनी हो या फिर Office Meetings सब जगह Technology का बोलबाला था। शुरू में मुश्किल Task लगने वाले Apps लोगों की Day to Day Life का कब अहम हिस्सा बन गए पता ही नहीं चला और पूरे दो साल बच्चों ने School-Collage की पढ़ाई Online Mode में ही पूरी कर ली। संकट की इस घड़ी में देश के सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं जैसे UPSC, IIT-JEE, NEET, CA के Entrance की तैयारी करवाने वाले Coaching Institutes में मोटी फीस देकर अपने घरों से दूर रहने वाले बच्चों की आँखों के सामने मानों अँधेरा छा गया हो। इस अँधेरे को छटने में कुछ समय तो लगा पर सभी Coaching Institutes ने अपने और Students के बीच की खाई को दूर करते हुए Online Learning Platforms के ज़रिये Classes को पटरी पर ले आए। 2019 से आज 2024 का साल है Online और Offline दोनों ही तरह के Study Platforms की गाड़ी Smoothly चल रही है हाँ कभीकभी कुछ Speed Breakers आ जाते हैं।
    ‘माँ का आँचल’ आज के इस लेख में उन मातापिता और अभ्यर्थियों की मदद करने की पूरी कोशिश करेगा जो बारहवीं के बाद अपने चुने हुए Career Option से सम्बंधित Online या Offline Coaching में से किसका चुनाव करें को लेकर Confusion में फंसे रहते हैं। सबसे पहले संक्षेप में Online और Offline Coaching के Concept को समझ लेते हैं।

ONLINE COACHING किसे कहते हैं ?

हमें यकीन है जो कोई भी पाठक मोबाइल,लैपटॉप या कंप्यूटर का इस्तेमाल करके हमारे लेख को पढ़ रहे होंगे उनके पास Internet Connection ,Mobile Data ज़रूर होगा अन्यथा Article पढ़ पाना संभव नहीं है। बस इसी Internet का इस्तेमाल जब School/Collage की पढ़ाई से हटकर अतिरिक्त पढ़ाई के लिए Coaching में एडमिशन लेकर किया जाता है उसे Online Coaching कहते हैं। सबसे पहले छात्र को किसी भरोसेमंद Coaching Institute Website पर जाकर एडमिशन लेना होता है और एक निश्चित फीस भरकर क्लास Attend करने को मिलता है। किताबों का लिंक भी Online ही उपलब्ध कराया जाता है। कुल मिलाकर पढ़ाई की यह प्रक्रिया पूरी तरह से इंटरनेट से ही चलती है। इसलिए आवश्यक है कि Student के पास अच्छे कंपनी का इंटरनेट कनेक्शन हो जो बारबार अटके नहींOnline Coaching Audio ,Video किसी भी Medium में हो सकता है।

OFFLINE COACHING किसे कहते हैं?

Offline मतलब जिसमे किसी भी तरह के Internet Connection की आवश्यकता ना हो। यह Study का पारम्परिक F2F model follow करता है यानी Teacher और Student Face to Face आमनेसामने बैठकर पढ़ातेपढ़ते हैं। लोगों का भरोसा आज भी पढ़ाई के पारम्परिक तरीके पर ही अधिक रहता है जैसे आज भी कुछ लोग प्राइवेट बैंकों की अपेक्षा सरकारी बैंकों पर अधिक विश्वास करते हैं। खैर यह तो व्यक्तिव्यक्ति की सोच और ज़रूरत पर निर्भर करता है।

भारत में मुख्य रूप से ली जाने वाली Coaching

1.UPSC

India में सबसे प्रतिष्ठित नौकरियों में पहले नंबर पर UPSC की परीक्षा उत्तीर्ण करके भारत सरकार में Civil Services join करने वाले सरकारी अफसरों का नाम आता है। UPSC का पूरा नाम ‘Union Public Service Commission’ है।  UPSC Qualify करने वाले छात्र IAS,IPS,IRS,IFS अधिकारी बनते हैं जिनका सम्मान और दबदबा देखने वाला होता है। असल मायनों में इनके ऊपर देश को सुनियोजित तरीके से चलाने की बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। बीते सालों में हमने देश के कई ऐसे मेधावी छात्र देखें हैं जिन्होंने गरीबी से उठकर अपने ढृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के दम पर सभी संकटों को पार करते हुए न केवल भारत बल्कि विश्व की कठिनतम परीक्षाओं में से एक UPSC को उत्तीर्ण करके उच्च सरकारी पदों पर जगह बनाई है। वैसे तो ऐसे कई नगीने हमारे समाज में हैं किन्तु एक रत्न जो 12th FAIL फिल्म के जरिये सबकी नज़रों में आए उनका नाम है मनोज कुमार शर्मा’ जो IPS अफसर हैं।

2.IIT-JEE

जिन छात्रों का उत्साह Engineering, Architecture and Planning में होता है उनके लिए JEE Exam देना अनिवार्य है क्युंकि JEE Entrance पास करने के बाद ही किसी प्रतिष्ठित University में admission मिलता है और छात्र इंजीनियर बनते हैं। ‘JEE का full form ‘Joint Entrance Exam’ है। यह परीक्षा देश की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। प्रति वर्ष लगभग डेढ़ से दो लाख Aspirants इस Exam में हिस्सा लेते हैं जबकि देश के IIT’S की कुल Seats 17,740 हैं। Seats का यह आंकड़ा साबित करता है कि प्रतिस्पर्धा Competition कितना Tough है। JEE Exam को दो भागों में बांटा गया है। पहला JEE Mains और दूसरा JEE Advance . JEE Mains pass करने के बाद ही अभ्यर्थी Advance की परीक्षा दे सकते हैं। छात्र JEE Mains Crack करने के उद्देश्य से ही Coaching करते हैं। देश में राजस्थान का KOTA जिला Coaching Centres से भरा पड़ा है। इसे देश का Coaching Hub भी कहते हैं। JEE Students Life को यदि आप पास से समझना चाहते हैं तो कोटा फैक्ट्री’ KOTA FACTORY’ नाम की वेब सीरीज को OTT Platform पर देख सकते हैं।

3. NEET

NEET National Eligibility Cum Entrance Test. Medical Line में Doctor बनने का सपना संजोए छात्रों को 12th के बाद किसी भी Collage में MBBS में Admission लेने के लिए NEET Qualify करना आवश्यक है। अच्छे Marks के साथ NEET Qualifying Ranking लाने पर देश के सबसे प्रतिष्ठित Government Medical Collage and Hospital AIIMS में दाखिला मिलना संभव हो पाता है। पर Competition के समंदर में तैरते हुए गिनती के छात्र /छात्रा AIIMS रुपी Island तक पहुंच पाते हैं।

4. CA

12th में Commerce लेने वाले लाखों छात्रों का सपना देशविदेश की Economy में Career की राह तलाशने का होता है। इसका Best विकल्प CA Chartered Accountant बनना है। 15-20 साल पहले CA जैसे Career Opportunity को कम ही लोग जानते थे। पर वर्तमान समय में ढेरों Business Channels आने के बाद भारतीय भी Share Market, Mutual Funds , Auditing , Tax Regimes जैसे जटिल विषयों को गंभीरता से लेने लगे हैं। लोगों के कमाई के साधन एक न होकर अनेक हो चुके हैं। GST ने व्यापारियों के कमाई का लेखाजोखा पहले से अधिक Confusing बना दिया है। सभी तरह के Financial मुद्दों को सरलता से संभालने में Expert की दरकार होती है जिसे एक मंजा हुआ CA ही अच्छे से निभा सकता है। जिस पढ़ाई का आधार ही पैसा हो वह आसान तो बिलकुल नहीं हो सकती इसीलिए Finance से जुड़े नियमोंकानून की जटिलताओं और बारीकियों को समझने वाली CA की पढ़ाई के लिए आज देश में Coaching की भरमार है।

देश में कई जानेमाने सफल CAs हैं पर अपने ज्ञान और पारखी नज़र की बदौलत जिसने दिनदोगुनी रातचौगुनी तरक्की की है उनका नाम है Kumar Mangalam Birla जो Aditya Birla Group के Chairman हैं।

Failure is not fatal, it’s inevitable. If you don’t fail, it perhaps means you aren’t taking enough risks ” .

Kumar Mangalam Birla

हमने देश के सबसे प्रतिष्ठित और प्रचलित Career Options पर चर्चा की है पर इनके अतिरिक्त नएपुराने और भी रोज़गार के अवसर हैं जिन्हे छात्र अपनी रूचि अनुसार चुन सकते हैं जिन पर हम फिर तसल्ली से किसी अन्य लेख में अवश्य ही चर्चा करेंगे। यहाँ बात कोचिंग्स से जुड़े Career Options पर करनी थी। ‘मानो या न मानो’ Tough Competitive Exams ने पैर पसारती Coaching Industry का रूप ले लिया है। इतना सब कुछ जाननेसमझने के बाद भी अभ्यर्थियों के मनमस्तिष्क को जो एक बात परेशान करती है वह है Coaching का कौन सा Medium चुना जाए ONLINE या OFFLINE क्युंकि दोनों के अपने फायदे नुकसान हैं। तो हम Students और उनके मातापिता की इस उलझन को सुलझाने का भरपूर प्रयास करते हैं।

ONLINE COACHING के फायदे PROS

किसी का नुकसान दूसरे के लिए फायदे का सौदा होता है ’। यह बात Online Coaching पर बिलकुल सटीक बैठती है। Corona जैसी संकट की घड़ी में यह बात सौ प्रतिशत सही साबित हुई।

  1. Online Coaching fees के मामले में काफी किफायती होता है। वहीं दूसरी ओर Offline Coaching में fees हमेशा ही अधिक होती है क्युंकि कोचिंग संस्थानों को कई खर्चे उठाने पड़ते हैं जैसे Rent, Electricity Bill, Library Books, Permanent Teachers and Maintenance Staff Salary. यह सारे खर्चे कोचिंग किसी न किसी तरह से छात्रों की फीस से ही निकालती है।
  1. Online Coaching अंतर्मुखी स्वभाव Introvert Nature वाले छात्रों के लिए Best माध्यम होता है क्यूंकि Class दौरान उन्हें किसी से बातचीत करने की ज़रूरत नहीं होती है। जबकि Offline Coaching में चाहो या न चाहो साथी Students , Teachers, Staff से बात करना ही पड़ता है।
  1. Online Coaching की पहुँच वैश्विक स्तर Universal Level पर संभव है। घर बैठे दुनिया के किसी भी कोर्स की क्लास ली जा सकती है। जबकि Offline Coaching में जगह और समय की पाबन्दी होती है।
  1. Online Coaching में Travel Time आनेजाने का समय लगभग पूरी तरह बचता है। बस Phone/Laptop एक High Speed Internet Connection की आवश्यकता होती है। जबकि Offline Coaching में घर से Location शायद सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा होता है। Coaching शहर में है, या फिर दूसरे शहर में। अगर अपने Hometown में है तो भी रोज़ाना आनेजाने में लगने वाला समय कम से कम होना चाहिए। जितनी अधिक दूरी उतना अधिक खर्चा।
  1. Online Coaching Pattern ही नए ज़माने के साथ आगे बढ़ने की सोच अपनाने का है। यहाँ शिक्षकों को पढ़ाई कराने के नए तरीके अपनाने और आजमाने की कुछ हद तक छूट होती है जिसका फायदा छात्रों को मिलता है। अच्छी बात है की कुछ शिक्षक सृजनात्मक Experimental Innovative तरीके आजमाते हैं कुछ Social Media के ज़माने में हसीं का पात्र बन कर रह जाते हैं। हमारा मानना है कि Teachers को Teaching की गरिमा का आभास होना चाहिए। इसके उलट Offline Coaching में Teachers अधिकतर एक निश्चित Pattern पर ही पढाई करवाते हैं क्युंकि उन्हें बड़ेबड़े Batches को Handle करना पड़ता है जिस कारण उन्हें Experiment करने का Time ही नहीं मिलता।
  1. बच्चा Coaching Join करता है जिससे उसे अधिक से अधिक तैयार Study Material मिल सके और उसके Doubts Clear करने में सहायता मिले। Online Coaching में Study Materials, Journals, Portals , Mock Test Papers Q n A Sessions ,Recorded Audio-Video के माध्यम से Students की इस ज़रूरत को पूरा करने में सक्षम होता हैदूसरी ओर Offline Coaching में Teachers का Full Focus Classroom में करवाई जा रही पढ़ाई पर रहता है क्युंकि उनके ऊपर भी Performance का Pressure रहता है।

OFFLINE COACHING के फायदे PROS

कहते हैं ‘शहद जितना पुराना हो उतना अच्छा होता है’। ठीक इसी तरह भले ही Offline Coaching शिक्षण का पारम्परिक तरीका हो पर वहां Talented Teachers को किताबी और व्यावहारिक ज्ञान का भंडार होता है।

  1. Offline Coaching का सबसे महत्वपूर्ण लाभ छात्रों में अनुशासन और दायित्व Discipline and Responsibility का होना है। यहाँ बच्चे को पता होता है की उसे कोचिंग के Time-Table के हिसाब से Class Attend करने समय पर पहुंचना ही है। Absent होने पर उसे Teacher के सवालजवाब का सामना करना होगा जो उसे अनुशासित रखता है। जबकि Online Coaching में Student Internet Down, Device Problem जैसे बहाने बना कर Class Bunk कर सकते हैं।
  1. Offline Coaching में बच्चों को अपने आसपास पढ़ाई का पूरा माहौल मिलता है। Coaching में आने वाले सभी Students का एकमात्र लक्ष्य Exam Crack करना होता है। सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना बेहतर से बेहतर Performance करने की ऊर्जा देती है। छात्र को आपस में अच्छे दोस्त बनाने का मौका मिलता है। वह आपस में ही कई Doubts Clear कर लेते हैं। Moral Down होने पर उन्हें एकदूसरे का Emotional Support भी मिलता है। जबकि Online Coaching में पढ़ाई का पूरा दारोमदार स्वयं छात्र पर ही होता है। उसे खुद ही अपने Self Discipline and Self Motivation को Boost Up करते रहना पड़ता है। हिम्मत टूटने पर मन हल्का करने के लिए कोई साथी सलाहकार नहीं मिल पाता है। निश्चित रूप से माँबाप होते हैं पर कहीं न कहीं एक Aspirant के दुःखदर्द, परेशानी वही आपस में अच्छे से समझ सकते हैं। ऐसे में Parents को कभीकभी बच्चे के पास यूँ ही बैठ कर Indirectly उसके मन की बातें सुनने समझने का प्रयास करते रहना चाहिए।
  1. Offline Coaching Student का Focus पढ़ाई पर बना रहता है क्युंकि उसकी दिनचर्या कोचिंग और पढ़ाई के इर्दगिर्द ही तय होती है। समय पर Coaching पहुँचना, नोट्स बनाना, Syllabus Discussions करना यह प्रक्रिया Student का ध्यान भटकने नहीं देतीवहीं दूसरी ओर Online Coaching में Internet Connection ही ध्यान भटकाने का कारण होता है। कभी किसी का Phone आ गया तो कभी कोई Notification. Class Boring लगने लगे तो बिना किसी को बताए एक Click पर Exit होने का Instant तरीका उपलब्ध है।
  1. Offline Coaching में Networking का फायदा मिलता है। कोई भी छात्र जब रोज़ाना कोचिंग जाता है तो वह साथी Students के अतिरिक्त Teachers, Staff, Parents के संपर्क में आता है। पहले बातें होती हैं और फिर मन मिलने पर दोस्ती में बदल जाती है। एक से दूसरी,तीसरी पहचान बढ़तेबढ़ते आपका बच्चा कई नए लोगों के संपर्क में आतेआते अच्छा Friend Circle बना लेता है जो पहचान न सिर्फ वर्तमान में बल्कि भविष्य में भी उसके बड़े काम आने वाली है।  इसके उलट Online Coaching में एक बंद कमरे में छात्र का Phone या Laptop/Computer ही ‘One n Only’ साथी होते हैं।
  1. Offline Coaching में Student को यदि किसी भी प्रकार का कोई Doubt होता है तो वह Teacher से प्रत्यक्ष रूप से पूछ कर Clear कर सकता है। शिक्षक भी Student की हर संभव मदद करने की कोशिश करते हैं क्युंकि वह खुद छात्रों का शैक्षणिक एवं व्यावहारिक मूल्यांकन करने में समर्थ होते हैं।  बात Offline Coaching की जाए तो Student का Teacher से संपर्क साधना काफी मुश्किल होता है। मुमकिन है छात्र को अपनी परेशानी ईमेल Email ज़रिये पहले शिक्षक तक पहुंचानी पड़े। फिर कब Teacher मेल चेक करेंगे और कब जवाब आएगा। यह एक लम्बी प्रक्रिया हो सकती है।

सौ बात की एक बात

हर मातापिता अपने बच्चे की सुनहरे भविष्य की कल्पना करते हैं जिसके लिए वह अपनी ओर से हर संभव कोशिश भी करते हैं। पर सब करने के बाद भी जब शिक्षा के धरातल पर युवा छात्रों का सामना अन्य लाखों मेधावी छात्रों से होता है तो उनका मनोबल थोड़ा तो अवश्य ही डगमगाने लगता है। ऐसे में माँबाप और बच्चों को Coaching का रास्ता दिखता है। उचित Coaching Mode के चुनाव की डगर भी आसान नहीं है। इसलिए ‘ माँ का आँचल ‘ ने इस लेख में Online and Offline Coaching Modes से जुड़े बारीक पहलुओं को विस्तार में समझाया है। हमारी सलाह है उचित कोचिंग को चुनने का निर्णय माँबाप अकेले न लेकर अपने बच्चों से सलाहमशवरा करके उनकी क्षमता , रूचि , अपने वित्तीय सामर्थ्य, सुविधा जैसे पहलुओं को ध्यान में रख कर ही लेना चाहिए। किसी और का उनके बच्चे के लिए लिया गया निर्णय आपके बच्चे और आपके भी सही हो यह कतई आवश्यक नहीं है। सौ बात की एक बात यही है कि Online और Offline Coaching के फायदेनुकसान को अपने नज़रिये से परखकर Coaching Selection के Confusion को खुद दूर कीजिये। 

हम आशा करते हैं कि सभी पाठकों को इस लेख से मदद मिली होगी। आपसे अनुरोध है कि Comment में अपने विचार और सुझाव हमसे साझा करके, और अच्छा काम करने के लिए हमारा मनोबल बढ़ाएं।

Happy Parenting 😊 

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