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गर्भावस्था से जुड़े ‘मिथक और उनका सच’

PREGNANCY related ‘MYTH or FACT’
Pregnancy Myth or Fact


      दुनिया में जो चीज़ बड़ी ही आसानी से भरपूर मात्रा में मिल जाती है वह भी मुफ्त में वह है ‘सलाह’। जी हाँ , कभी मांगने पर और अक्सर ही बिन मांगे। यह जीवन का एक ऐसा सच है जिस से अमूमन हर कोई Relate कर सकता है। अब सलाह देने में किसी का कुछ आता जाता तो है नहीं। पर जब बात गर्भावस्था जैसे गंभीर और संवेदनशील Sensitive विषय से जुड़ा हो तो क्या किसी भी भावी माता पिता को हर किसी की सलाह को बिना सोचे समझे स्वीकार कर लेना चाहिए। नहीं ! बिलकुल भी नहीं ! गर्भवती महिला अपने सामाजिक दायरे में अन्य औरतों , बड़ेबूढ़ों की नज़र में विशेष रूप से घिरी रहती है। वह सभी लोग अपनेअपने अनुसार कुछ सार्थक और कुछ सुनीसुनाई मनगढ़ंत सलाह देते रहते हैं। किसी भी सलाह को मानने से पहले गर्भवती स्त्री को सचेत रहना चाहिए क्यूंकि हर सलाह सच नहीं होती। कुछ सलाह ऐसे मिथक होते हैं जो दशकों से बिना किसी तथ्यात्मक आधार के आदानप्रदान होते हुए Pregnant Lady तक पहुँच ही जाते हैं। माँ का आँचल अपने इस लेख में गर्भावस्था से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथकों की सत्यता का परीक्षण करेगा। इस विषय पर चर्चा करना आवश्यक है क्यूंकि जितने मुंह उतनी बातें और हम नहीं चाहते कि कोई Pregnant Lady अपने गर्भावस्था के सफर की शुरूआत किसी भी प्रकार के संशय Confusion में करे। तो आइये जानते हैं PREGNANCY से जुड़े MYTHS or FACTS

1.MYTH बच्चों के लिंग SEX को पता किया जा सकता है

कुछ लोगों का मानना है कि गर्भावस्था में माँ के शारीरिक बदलावों का विशेष निरीक्षण करके होने वाले शिशु के लिंग का पता किया जा सकता है। परन्तु FACT यह है की बच्चे के लिंग का पता केवल ULTRASOUND या फिर कुछ विशिष्ट SPECIFIC BLOOD TEST के ज़रिये ही पता करना संभव है।

2. PREGNANCY में SEX करना RISKY है

यह एक बहुत बड़ा मिथक है कि गर्भावस्था के दौरान संभोग SEX करना बच्चे को हानि पहुंचा सकता है। जबकि FACT यह है कि माँ की शारीरिक CONDITION को देखते हुए जब तक स्त्री रोग विशेषज्ञ Gynecologist ने मनाही ना की हो तो SEX करना पूरी तरह SAFE है

3. गर्भावस्था में व्यायाम करना उचित नहीं

एक तरफ पूरी दुनिया में लोग अपनी सेहत को लेकर दिनप्रतिदिन सजग होते जा रहे हैं वहीं बड़ा ही सामान्य सा मिथक प्रचलित है कि गर्भवती स्त्रियों को व्यायाम नहीं करना चाहिए। इस मिथक का कोई ठोस आधार नहीं है। सोच कर देखिये यदि व्यायाम करना गलत है तब तो महिलाओं को प्रसव से पहले तक घर के कोई कामकाज भी नहीं करने चाहिए। पर मुख्यतः हर घर में स्त्रियां घर के काम करती ही हैं फिर उनका स्वास्थ्य कैसा भी हो। FACT सच तो यह है की किसी भी प्रकार का शारीरिक कार्य एक प्रकार का व्यायाम ही है। इसलिए गर्भवती स्त्रियों का डॉक्टर की सलाह पर संतुलित रूप से व्यायाम करना SAFE है।

4. गर्भावस्था में बालों को रंगना HAIR COLORING भारी पड़ सकता है

बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि Pregnant Lady को अपने बालों पर Dye या Hair Color का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्युंकि उसमें हानिकारक Chemicals होते हैं। Chemicals बालों के लिए नुकसानदायक होते हैं यह सच है। पर पूरा सच FACT यह है कि स्त्री गर्भवती हो या न हो उसे Chemical Free ,Natural Color based वाले Hair Color ही Use करने चाहिए। कोशिश करें आपके Hair Color में Ammonia ,PPD , Resorcinol , Peroxide जैसे Harsh Chemical ना हों

5. चाय COFFEE का सेवन गर्भवती स्त्रियां ना करें

सुबह की पहली चाय का जो मज़ा होता है वह चाय के शौक़ीन ही समझ सकते हैं। कुछ के लिए यह सुकून COFFEE पीने से मिलता है। अब अगर अचानक से यदि किसी गर्भवती स्त्री को कह दिया जाए कि आज से आने वाले ‘नौ महीनों’ तक चायकॉफ़ी बंद तो यह तो उनके साथ बड़ी ही ज़्यादती हो जाएगी। इसलिए हमारी उन लोगों को सलाह है कि जो इस मिथक को फैलाते हैं कि गर्भवती महिलाओं को चायकॉफ़ी नहीं पीना चाहिए अपनी सलाह में फेर बदल करें और सलाह देनी ही है तो यह सुझाव दें कि Pregnant Lady को चायकॉफ़ी सीमित मात्रा में पीना चाहिएFACT सच यह है कि दिन भर में दो कप 2 CUP पीना बिलकुल भी नुकसानदायक नहीं है। हम शौकीनों को एक छोटी सी TRICK भी सुझाना चाहेंगे कि आप अपनी BODY को CONFUSE करने के लिए अपने CUP का SIZE थोड़ा छोटा रखिये। ऐसा करके आप चायकॉफ़ी का आनंद भी ले सकेंगे और स्वास्थ्य को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा। ध्यान रहे कि COFFEE में CAFFEINE कैफीन होता है जो अधिक मात्रा में लेने से शिशु को हानि पहुंचा सकता है।

6. गर्भवती महिला को दो लोगों के अनुसार भोजन करना चाहिए

अपने खानेपीने का ख्याल रखा करो। अब तुम्हें एक नहीं दोदो ज़िन्दगियों के लिए खाना है यह Common सा Dialogue हर महिला ने अपने गर्भावस्था के दौरान घर अपनी माँया फिर सासु माँसे निश्चित रूप से सुना होगा। इसमें आपके और बच्चे के लिए उनका प्यार जो छलकता है। अनुभवी माताओं की इस सलाह को सुनसुन कर होने वाली माँ के मन में भी संशय होने लगता है कि हाँ मुझे अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को संपूर्ण पोषण देने के लिए DOUBLE खाना, खाना चाहिए ‘। किसी की भावनाओं को बिना आहत करते हुए हम यह कहना चाहेंगे कि यह बहुचर्चित मान्यता भी केवल एक मिथ्या ही है। यह बात हम यूँ ही नहीं कह रहे बल्कि इसका आधार Scientific Research है। FACT सच तो यह है कि किसी भी गर्भवती महिला को सामान्य से अतिरिक्त केवल 200-500 CALORIES की आवश्यकता होती है ज़रूरत से अधिक भोजन करने से DIET IMBALANCE होगी और अनावश्यक रूप से वज़न बढ़ेगा जिससे DELIVERY के समय COMPLICATIONS हो सकते हैं। इसलिए किसी भी भावी माता Would Be MOM के लिए ढेर सारा खाना नहीं, पोषणयुक्त आहार करना ज़रूरी है

7. गर्भवती महिला को यात्रा करने से परहेज करना चाहिए

स्त्री के गर्भवती होती ही उसके घर से बाहर निकलने पर करीबकरीब पाबंदी लगा दी जाती है। यात्रा करना तो दूर की बात हुआ। भारत में एक मान्यता यह भी है कि गर्भवती स्त्री को गंगा जी नदी पार नहीं करना चाहिए फिर चाहे वह TRAIN से ही यात्रा क्यों न कर रही हो। परिवारजनों का मानना होता है कि होने वाली माँ को सफर के दौरान झटकेहिचकोले लग सकते हैं जिससे बच्चे को नुकसान हो सकता है। यह सारी बातें मिथ्या हैं पर इनके पीछे का विचार कहीं न कहीं होने वाली माँ की सुरक्षा SAFETY से जुड़ा है। किन्तु एक FACT सच यह है कि माँ का गर्भशिशु के लिए कवचका काम करता है जो मामूली और कम दूरी की यात्रा करने के लिए SAFE है। हां पर यदि आपको शहर से बाहर सफ़र करना है तो पहले अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाहमशवरा अवश्य कर लें क्यूंकि वही Pregnant Lady के शारीरिक बदलाव पर पूरी नज़र रखे है।

8. PREGNANCY में MORNING SICKNESS होना ही होना ही है

गर्भवती स्त्री की दिनचर्या से जुड़ा एक मिथ्या यह भी है कि हर सुबह उसको थकान , जी मिचलाना , उलटी आना होंगे ही होंगे। इसे ही ‘MORNING SICKNESS’ कहते हैं। यह सारे लक्षण निश्चित रूप से हर गर्भवती स्त्री को होते हैं परन्तु असल FACT सच यह है कि प्रत्येक महिला की शारीरिक संरचना एकदूसरे से अलग होती है। उसकी दिनचर्या , खानपान ,सोनाउठना भिन्न हो सकता है तो इस प्रकार की शारीरिक उलझन UNEASINESS, 24 घण्टे में किसी भी वक़्त हो सकती है। मुमकिन है WORKING WOMEN के लिए यह समय चक्र दूसरा हो और HOMEMAKERS के लिए दूसरा

9. गर्भावस्था में सीने में जलन होना बच्चे के सर पर घने बाल होने का संकेत है

गर्भावस्था से जुड़े मिथकों में एक अजीबोगरीब मान्यता यह भी है कि यदि स्त्री के सीने में अधिक जलन बनी रहती है तो उसका कारण शिशु के सर पर घने बाल हैं। इस तथ्य की यदि बाल की खाल निकाली जाए तो जो सच उजागर होता है कि यह पूर्ण रूप से निराधार है। FACT सच यह है कि गर्भवती स्त्री के सीने में जलन का कारण उसके शरीर में लगातार हो रहे HORMONAL CHANGES हैं।

10. गर्भावस्था में केसर SAFFRON खाने से बच्चे का रंग गोरा होता है

भारत में आज भी मन ही मन हर कोई गोरे रंग को प्राथमिकता देता है जो कि सरासर गलत है। कौन जाने इस सोच का गलत फायदा उठाकर किसी ज़माने में किसी ने अफवाह उड़ा दी होगी कि केसर खाने से बच्चा गोरा पैदा होता है और परिणामस्वरूप यह मान्यता पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। जबकि FACT सच यह है कि बच्चे का रंगरूप उसकी HEREDITY आनुवंशिकता पर निर्भर करता है।

सौ बात की एक बात

गर्भावस्था किसी भी स्त्री के जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण समय होता है। वह अपने शारीरिक और मानसिक पीड़ा को सहते हुए आने वाली ज़िम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाने के लिए भरसक प्रयास कर रही होती है। ऐसे में जब उसे शान्ति की आवश्यकता होती है तो दुनियाजहान से मिलने वाली ढेरों सलाह CONFUSE करती रहती है। विशेष रूप से वह सलाह जो केवल मिथक /ग़लतफहमी हैं और कुछ नहीं। माँ का आँचल सभी गर्भवती स्त्रियों से आग्रह करता है कि वह शालीनता से अपने बड़ेबूढ़ों की सलाह को सुने किन्तु स्वयं को मिथकों के चंगुल में फंसने से बचा कर भी चले। मिलने वाली किसी भी सलाह को जीवन में उतारने से पहले अपनी Gynecologist से संपर्क करें। सौ बात की एक बात यही है कि Pregnant Lady को किस सलाह को अपनाना है और किसे मिथक मान कर एक कान से सुन कान दूसरे कान निकाल देना है उसका निर्णय अपने विवेक से करे न की लोगों के कहने से। MYTH or FACT को Scientific नज़रिये से परखें, जिस प्रकार हर चमकने वाली चीज़ सोना नहीं होती उसी तरह हर सलाह सत्य नहीं होती माँ का आँचल आशा करता है कि अपने इस लेख के माध्यम से गर्भवती स्त्रियों के Pregnancy Period को Stress free बनाने में अपना योगदान करने में सफल होगा। आपके कुछ सुझाव हों तो Comment में ज़रूर Share करें। शुभकामनाएं !

Happy Parenting 😊 

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